इंसान जमीन के नीचे कितनी गहराई तक जा सकता है

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हेलो फ्रेंड्स मैं कुछ ही दिनों पहले एक 10 साल के बच्चे से मिला वो रास्ते पर ही गड्ढा खोद रहा था मैंने उसे यूं ही पूछ लिया यह गड्ढा क्यों खोद रहे हो कोई रास्ते से आने जाने वाला गिर सकता है

और शायद उसे चोट भी लग जाए और उस बच्चे ने जो जवाब दिया उसने मुझे एक गहरी सोच में डाल दिया उसने कहा भैया आज स्कूल में टीचर ने हमें पढ़ाया की हमारी पृथ्वी गोल है

और इंडिया के ठीक पीछे अमेरिका आता है बस इसीलिए मैं यह खोद रहा हूं जिससे मैं कूदकर सीधा अमेरिका निकल जाऊंगा और घूम घूम कर शाम तक वापस लौट आऊंगा

उस वक्त मैंने सोचा कि यह बच्चा अभी तो नासमझ है और इसी नादानी ने मुझसे यह बहुत बड़ी बात कह दी बात तो बिल्कुल चौका देने वाली थी

उस बच्चे ने मुझे रिसर्च करने पर मजबूर कर दिया एक Thought एक्सपेरिमेंट पर कि ऐसा कुछ कर पाना मुमकिन है कि नहीं

Insan Jamin Ke Niche Kitni Gahrai Tak Ja Sakta Hai

आज नहीं तो फ्यूचर टेक्नोलॉजी के लिए क्या सच में कोई टनल हमें पृथ्वी के एक सिरे से दूसरे सिरे तक ले जा सकती है
पृथ्वी के कितने गहराई तक खोदा जा सकता है

और यही आज हमें देखेंगे और जानेंगे कि हम आखिर हमारे पृथ्वी के बारे में कितना जानते हैं

यह सच्चाई है कि कई सारे लोगों ने जाने-अनजाने में पृथ्वी के अंदर जाने की कोशिश की है जी हां हम अक्सर देखते हैं कि लाशों को जलाया ही नहीं जाता बल्कि दफनाया भी जाता है

और उन्हें दफनाने के लिए जमीन के अंदर 6 फीट तक का गड्ढा खोदा जाता है और यह प्रथा हजारों सालों से चलती आ रही है

इतिहास में कई वाक्य ऐसे भी हैं जिनसे हमें पता चलता है कि राजाओं को जमीन के 13 फीट नीचे दफनाया जाता था ताकि उनका शरीर ज्यादा दिनों तक सलामत रह सके

यह तो ठीक है लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे गहरा स्टेशन जो सतह से 105 मीटर नीचे है वो यूक्रेन देश में है अच्छा शयद आप को नहीं पता होगा लेकिन यह तो बस शुरुआत है

इंसानों द्वारा बनाई गई रचनाओं में से एक जापान की शिकन रेलवे टनल है जो पृथ्वी के सतह से 240 मीटर नीचे है

इसके अलावा नॉर्वे में भी 287 मीटर नीचे अंडर ग्राउंड रोड बनाए गए हैं यह सब तो मॉडर्न टेक्नोलॉजी के वजह से ही मुमकिन हो पाया है

लेकिन असल में 1862 में भी इंसानों ने हाथ से कुआं खोदा था Woodingdean नाम के इंग्लैंड के एक जगह में है जिसकी गहराई 390 मीटर है और वह आज भी मौजूद है

इतनी गहराई में तो समुद्री सबमरीन है लेकिन इससे भी ज्यादा गहराई में है दुनिया की सबसे गहरी गुफा Vrtoglavica Cave जो Slovenia देश में है

इसकी गहराई जमीनी सतह से 603 मीटर नीचे है यह इतनी गहरी गुफा है कि अगर आपने इसके अंदर छलांग भी मार दिया तो आपको नीचे इस केस में पहुंचने के लिए 11 सेकंड लगेंगे

लेकिन क्या आपको पता है कि अमेरिका के Utah स्टेट में 970 मीटर गहरी घाटी है जिसमें बुर्ज खलीफा जैसी एक बिल्डिंग आसानी से फिट हो सकती है

इसका नाम है Kennecott Copper Mine और जैसे इसके नाम से ही पता चलता है यहां पर Rare कॉपर कंपाउंड की खोज होती है

यह गहरा जरूर है लेकिन फिर भी यह 4 किलोमीटर चौड़ा है और इसीलिए आपके सर के ऊपर फिर भी सूरज मौजूद होगा इंटरेस्टिंग

पर ये तो कुछ भी नहीं है क्या आपको पता है फिनलैंड में एक म्यूजिकल बैंड से लगभग 14 से 10 मीटर नीचे म्यूजिकल कंसर्ट किए थे जी हां फ्रेंड्स डेढ़ किलोमीटर की गहराई में

लेकिन आपको अगर लग रहा है कि हम काफी गहराई में आ गए हैं तो अफ्रीका में एक 4000 मीटर गहरा माइन है जिसकी गहराई तक पहुंचने में 5 मिनट लग जाएंगे

लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इंसान सिर्फ इतनी ही गहराई तक पहुंच पाया है बिल्कुल नहीं इंसान और भी आगे तक पहुंच पाया है आपने avatar और Titanic जरूर देखी होगी

इस फिल्म के डायरेक्टर जेम्स कैमरन पेसिफिक महासागर के सतह से 10908 मीटर नीचे जा कर आ चुके हैं और यह पेसिफिक महासागर का अब तक Major किया गया सबसे दीपेस्ट पार्ट है

इसके आगे जाने की हिम्मत आज तक कोई भी इंसान नहीं कर पाया है इतनी गहराई में टेंपरेचर और प्रेशर इतना होता है कि इंसान किसी Advance technology के बगैर नहीं रह सकता

फिर भी सोवियत यूनियन Russia में 12262 मीटर गहरा था जो टेक्नोलॉजी के जरिये इतना नीचे तक खुदा जा सका कि टेंपरेचर 180 डिग्री तक पहुंच गए और उन्हें काम बीच में ही रोकना पड़ गया

लेकिन इससे भी आगे हाल ही में एक और तेल का कुआं खोदा गया है जिसकी गहराई 12376 मीटर है Z-44 Chayvo नाम दिया गया है इसके आगे किसी भी तरीके से पहुंच नहीं पाया है

आपको यह सुनकर शायद शौक लगे ये ऊंचाई हमारे द्वारा उड़ाए जाने वाले प्लेन से भी बहुत नीचे है यह तो बस एक परसेंट है

अगर आपको पृथ्वी के दूसरे सतह पर निकलना है तो आपको 12742 किलोमीटर का फासला तय करना होगा जो लगभग नामुमकिन है

और हां जो पृथ्वी की सबसे ऊपरी लेयर होती है वह अकेले ही 70 किलोमीटर गहरी है हमारी पृथ्वी का सेंटर बिल्कुल 6371 किलोमीटर की गहराई में बसा हुआ है

और इतनी गहराई तक अगर हम कोई भी गड्ढा बना सके तो ऊपरी सतह से गिरने पर हमें पृथ्वी के सेंटर तक पहुंचने में लगभग 1 घंटा 45 मिनट का समय लग जाएगा

हम आज की टेक्नोलॉजी से इतनी गहराइयों तक आखिर पहुंच नहीं सकते इंसान हमेशा पृथ्वी के अंदर जाने की कोशिश करता रहेगा क्योंकि हमारे इसके अंदर ऐसी चीजें हैं जैसे कि तेल मेटल और भी बहुत कुछ जिनकी हमेशा जरूरत पड़ती रहती है

लेक़िन इन तक पहुंच पाना लगभग नामुमकिन है शायद इंसान भविष्य में कोई ऐसी टेक्नोलॉजी बना सके जो हमें पृथ्वी तक पहुंचा पाए

एक आसान तरीके से और हमें कई सारे रहस्यों से पर्दा फास्ट करने में मदद कर सके पर यह तो वक्त ही बताएगा.

शुक्रिया इस Aritcel Hindi Me को पड़ने के लिए, आपको यह पसंद आया और उससे नया कुछ जरूर सीखने मिला तो आपकी क्या राय है इस विषय में आपको क्या लगता है कि इंसान साढे 12 किलोमीटर की गहराई से भी ज्यादा गहरा जाएगा या फिर नहीं हम जानना चाहेंगे

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