Mark Zuckerberg Story in Hindi | मार्क ज़ुकेरबर्ग की पूरी कहानी 2019
Mark Zuckerberg Kaun Hai : Business का बेसिक रूल है अगर आप उन चीजों को पहले करेंगे जो आसान हैं तो वास्तविक में आप तरक्की पूरी कर पाएंगे यह कहना है 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को आपस में Connect करने वाले फेसबुक (FB) के फाउंडर मार्क जकरबर्ग का मार्क जकरबर्ग का पूरा नाम मार्क एलियट जकरबर्ग है
Mark Zuckerberg Son Of :
जिनका जन्म 14 मई 1984 को वाइट प्लीज न्यूयॉर्क शहर में अपने एक Dentist पिता Edward Zuckerberg और मनोचिकित्सक माँ Karen Kempner के घर हुआ मार्क ने प्राइमरी एजुकेशन के साथ-साथ अपने पिता (Father) से बेसिक प्रोग्रामिंग सीखी.
जब मार्क 12 साल के थे तब उन्होंने अटारी बेसिक प्रोग्रामिंग का इस्तिमाल करके एक मैसेजिंग प्रोग्राम बनाया जिसका नाम उन्होंने Zucknet रखा मार्क के Dentist पिता इस प्रोग्राम को अपने क्लीनिक में इस्तिमाल करते थे जिससे कमरे में आकर चिल्लाए बिना Next पेशेंट को वेलकम करके डॉक्टर से मिलने की सूचना मिल जाती थी.
इस प्रोग्राम से उनकी काफी मदद हुई यही उनके घर में भी लगा था जो एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर बातचीत या वीडियो कॉलिंग के जरिए इस्तिमाल किया जाता था मार्क के पिता ने मार्क की कंप्यूटर में दिलचस्पी को बनाए रखने के लिए पर्सनल कंप्यूटर टीचर David Newman को हर हफ्ते एक बार मार्क के साथ काम करने के लिए रखा था.
“Mark Zuckerberg School History : Mark Zuckerberg College Life”
मार्क ने अपने हाईस्कूल में एक ऐसा इंटेलिजेंट म्यूजिक प्लेयर Synapse Media Player. बनाया जिसमें MP3 Audio फाइल की लिस्ट बन जाती थी और इसमें अपने आप यूजर की एक्टिविटी से वही लिस्ट बनती थी जो यूजर अभी सुनना चाहता है इसके बाद उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया
2003 में उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी के डेटाबेस को इसलिए हैक कर लिया क्योंकि हावर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट का बायोडाटा और कॉलेज में एडमिशन के समय दी जाने वाली पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड रहती थी
जो अधिकतर Students चेंज करना चाहते थे क्योंकि कॉलेज खत्म होने तक वही फोटो Students के आईडी कार्ड मार्कशीट और डिग्री में नजर आने वाली थी अपनी फोटोग्राफ्स चेंज करने के लिए उन्होंने Harvard University के डेटाबेस को हैक कर लिया
इस डेटाबेस से उनके हाथ सभी स्टूडेंट की फोटोग्राफ्स हाथ लग गई और उन्होंने इन फोटोग्राफ्स का यूज एक वेबसाइट Face mash बनाने के लिए किया जो डेटाबेस से दो फीमेल फोटोग्राफ्स शो करती थी और यूजर को वोटिंग करने का ऑप्शन दे दी थी दोनों फोटोग्राफ्स में कौन हॉट है और कौन नॉट इसका ऑप्शन यह वेबसाइट प्रोवाइड कराती थी
इस वेबसाइट पर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा ट्रैफिक आने लगा ज्यादा ट्रैफिक हावर्ड कॉलेज के स्टूडेंट्स का था और ज्यादा ट्रैफिक होने की वजह से सरवर क्रैश हो गया इस हादसे के बाद मार्क पर हैकिंग का इल्जाम तो लगा लेकिन मार्क ने पब्लिकली इल्जाम को स्वीकार किया और इसके लिए माफी भी मांगी
जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने उन्हें माफ तो किया लेकिन साथ ही साथ वह मार्क से प्रभावित भी हुए कि कैसे 19 साल के लड़के ने इतने कम समय में हावर्ड यूनिवर्सिटी के डेटाबेस को हैक कर लिया
Facemash History :
FaceMash की सफलता के बाद भारतीय मूल के दिव्य नरेंद्र और दो जुड़वा भाई विंकल वॉस मार्क के पास आए जिन्होंने मार्क को सोशल नेटवर्किंग साइट बनाने का आईडिया एक प्राइवेट मीटिंग में दिया जिस पर मार्क काम करने के लिए तैयार हो गए
हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान यूनिवर्सिटी हॉस्टल के कमरे में रहने वाले अपने दोस्तों के साथ मिलकर हावर्ड कनेक्शन नाम की सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई जो पूरे कॉलेज स्टूडेंट के लिए थी लेकिन मार्क इससे भी कुछ बड़ा करना चाहते थे और हावर्ड कनेक्शन पर काम करने के दौरान मार्क को खुद की सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट बनाने का बेहतरीन आइडिया आया
Facebook Kisne Banaya :
अपने आइडिया को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने 4 फरवरी 2004 को द फेसबुक डॉट कॉम डोमेन नेम रजिस्टर किया जो आज Facebook.com के नाम से जाना जाता है इस प्रोजेक्ट में काफी पैसों की जरूरत थी जिस पर उनकी एक फ्रेंड Eduardo Luiz Saverin ने ज्यादातर पैसा इन्वेस्ट किया मार्क ने फेसबुक प्रोजेक्ट पर पूरा ध्यान लगाने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कॉलेज ड्रॉपआउट लिया जो एक कठिन फैसला था
उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि उन्होंने कभी नौकरी करने की चाहत नहीं रखी और हमेशा से ही खुद की कंपनी के बारे में सोचते थे आखिरकार 2017 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने यह घोषणा की है कि मार्क जकरबर्ग को 2005 में ड्रॉपआउट के बाद जो डिग्री नहीं दी गई थी वह उन्हें दी जाएगी क्योंकि इंफॉर्मेशन सेक्टर में उन्होंने खुद के दम पर वह कर दिखाया है जो कोई ग्रेजुएट तक नहीं कर पाया
2005 से फेसबुक यूएसए की सभी यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट के लिए लांच किया गया फेसबुक पर बहुत तेजी से ट्रैफिक बढ़ने लगे और जैसे ही 50 मिलियन ट्रैफिक हुए तब Yahoo ने Facebook को एक अरब डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया हालांकि रकम बहुत बड़ी थी पर मार्क ने इस ऑफर को ठुकरा दिया
Mark Zuckerberg Ka Ghar :
इसके बाद सन् 2006 में मार्क Palo Alto कैलिफ़ोर्निया आए और lease पर एक घर लिया और अपना ऑफिस खोला और यहीं से 24 मई 2007 को उन्होंने फेसबुक प्लेटफार्म की घोषणा की जिसके बाद पूरे विश्व भर से 800000 से भी ज्यादा डेवलपर फेसबुक से जुड़े ऐप्लिकेशन डिवेलप करने के लिए बहुत सारी थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर कंपनी फेसबुक से जुड़ने लगी
मई 2008 को मार्क जकरबर्ग ने फेसबुक कनेक्ट प्रोग्राम लॉन्च किया जिसे अलग-अलग वेबसाइट फ़ेसबुक से लॉगिन होने का ऑप्शन मिल गया जिसे Mark Zuckerberg का मास्टर शॉक कहा गया मार्क जकरबर्ग शुरू से Apple कंपनी के फाउंडर को अपना रोल मॉडल मानते थे पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस को दिए गए इंटरव्यू में मार्क जकरबर्ग ने बताया था कि फेसबुक को इंटरनेट पर मजबूत बनाने के लिए जॉब्स ने ही मार्क को सलाह दी थी
Mark Zuckerberg Ki Girlfriend : 19 मई 2012 को लंबे समय से बनी अपनी गर्लफ्रेंड Priscilla Chan से शादी की है जिनसे उन्हें एक बेटी भी है 27 सितंबर 2015 को मार्क जकरबर्ग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले जिसमें भारत में इंटरनेट को बढ़ावा देने के लिए उनसे बातचीत हुई है 2016 में मार्क जकरबर्ग आयरन मैन मूवी में ट्वाइनस्टार कैरेक्टर रोबोट जारविस की तरह पर्सनल असिस्टेंट रोबोट बनाने का चैलेंज खुद के लिए रखा है जो घर में अपने मालिक की की कमांड Recognized करके उसे कंपलीट करेगा
सन 2010 में अमरीकी पत्रिका स्टीवन लेवी ने कहा था कि मार्क जकरबर्ग अपने आपको हैकर मानते थे ऐसा सच में है क्योंकि मार्क जकरबर्ग कहते हैं इट्स ओके टू ब्रेक थिंग्स टू मेक द बेटर यानी किसी चीज को बेहतर करने के लिए अगर उसे छोड़ना पड़े तो उसे जरूर तोड़ना चाहिए ऐसा स्टेटमेंट सच्चा हैकर ही दे सकता है
सन 2010 में वैनिटी फेयर मैगजीन में उन्हें आईटी इंडस्ट्री के सबसे प्रभावशाली लोगों में पहले स्थान पर चुना गया वहीं फॉक्स की विश्व की सबसे अमीर लोगों की सूची में पांचवें नंबर पर हैं मार्क और उनकी पत्नी लगभग तीन अलग-अलग हॉस्पिटल पर डोनेट कर चुके हैं जिसका मकसद इस सदी के अंत तक सभी बीमारियों का इलाज संभव करने का है दोस्तों भले ही मार्क दुनिया के 5 सबसे अमीर व्यक्ति हैं लेकिन आज भी वह जितना हो सके उतना सीखने की इच्छा रखते हैं और दिन में 12 से 14 घंटे या कभी-कभी तो पूरे दिन फेसबुक के ऑफिस में काम करते रहते हैं
मार्क इतने कम समय में जो असाधारण सफलता हासिल की है यह कोई जादू नहीं बल्कि उनकी कड़ी मेहनत का फल है उन्होंने अपने इंटरेस्ट को अपनी इंस्पिरेशन बनाया और आगे बढ़ते चले गए यह थी उनकी सफलता की कहानी जो आने वाले समय में लोगो के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी.
तो दोस्तों ये थी Mark Zuckerberg की जानकारी Hindi Me, आज के लिए इतना ही अगर आप को हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो कमेंट जरूर करे धन्यवाद.