Syria Ki Jung – हेलो दोस्तों आज हम बात करेंगे सीरिया में होने वाली लड़ाई की पर उससे पहले जानते हैं सीरिया के बारे में कुछ जरूरी बातें सीरिया का पूरा नाम सीरियल अरब रिपब्लिक है सीरिया देश की स्थापना सन 1920 में हुई थी जहां का एरिया 185180 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है यहां की आबादी एक करोड़ 84 लाख है सीरिया की राजधानी दमिश्क आस है

सीरिया 1940 में फ्रांस से आजाद हुआ था यहां की जीडीपी करीब 101अरब डॉलर है पूरे सीरिया में सिर्फ एक ही चीज है जिसे इंसानों द्वारा बनाया गया है यहां के लोग 1 जनवरी को नया साल नहीं बनाते बल्कि यहां 1 अप्रैल से नया साल शुरू होता है माना जाता है कि दुनिया की सबसे पहली हत्या सीरिया में ही हुई थी सीरिया की सीमा 5 देशों से मिलती है
जिनके नाम में टंकी लेबनान इराक इजरायल जॉर्डन सीरिया में एक व्यक्ति की औसत उम्र 75 साल है तो यह थी सीरिया के बारे में कुछ जरूरी बातें दोस्तों अब बात करते हैं सीरिया में हो रही War की यह कब क्यों और कैसे शुरू हुई थी
आपने सोशल मीडिया पर Syria के बारे में बहुत सारी वीडियो देखी होंगी पर ज्यादातर लोगों ने यह नहीं बताया कि यह सब शुरू कैसे हुआ लेकिन आज मैं आपसे इसी बारे में बात करूंगा तो चलिए शुरू करते हैं यह घटना ट्विनिश देश से शुरू हुई जो अफ्रीका महाद्वीप पर बसा हुआ है इसका बॉर्डर लीबिया और अल्जीरिया से मिलता है
हुआ यह था कि ट्विनिश एक लड़का जिसका नाम मोहम्मद बसुजी था जो फलों की रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का पेट पालता था 17 दिसंबर 2010 को एक ट्विनिश लेडीस ऑफिसर ने उस लड़के की रेडी को जप्त करवा लिया
अब मोहम्मद भदोही बहुत ज्यादा परेशान हो गया कि कैसे अब वह अपने परिवार की मदद करेगा क्योंकि ट्यूनिस में बेरोजगारी और बुड़बक बहुत ज्यादा फैली हुई थी उस लड़के ने बहुत कोशिश की अपनी रेडी वापस लेने की पर जब वह उसे वापस नहीं मिली तो उसने खुद को आग लगाकर अपनी जान दे दी क्योंकि वह अपनी फैमिली को परेशानी में नहीं देख सकता था
इस घटना का ऐसा असर हुआ कि मिडिल ईस्ट और नार्थ अफ्रीका के लोग अपनी-अपनी गवर्नमेंट के खिलाफ खड़े हो गए और जो रूलर 40 40 साल से राज कर रहे थे उन सब से डेमोक्रेसी की मांग करने लगे और इसकी वजह से ट्यूनिस के प्रेसिडेंट बेन अली ने जो 1987 से 19 पर राज कर रहे थे उन्हें 2011 में रिजाइन करना पड़ा और लीबिया के प्रेसिडेंट गद्दाफी को बसुजी की मौत के बाद मार दिया गया
क्योंकि यहां भी गद्दाफी 42 साल से राज कर रहे थे और डेमोक्रेसी की मांग को नहीं मान रहे थे उसके बाद यह आग जा लगी गिफ्ट और यमन में और वहां के प्रेसिडेंट ने भी यूनिट प्रेसिडेंट की तरह रिजाइन कर दिया
आखिर में सीरिया के लोगों ने भी 19 और बाकी देशों की देखा देखी अपनी सरकार के खिलाफ खड़े हो गए और तूने इजिप्ट की तरह डेमोक्रेसी की मांग करने लगे सीरिया के प्रेसिडेंट बशर अल असद जो शिया कम्युनिटी से हैं और सीरिया में सुन्नी कमेटी के 75 परसेंट लोग रहते हैं तो यह लोग की गवर्नमेंट के खिलाफ हो गए
यह देखकर सीरिया के प्रेसिडेंट ले प्रोटेस्टर पर हमला करवा दिया ताकि प्रोटेस्ट रुक सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि कुछ आर्मी वालों ने आर्मी से रिजाइन करके उन प्रोटेस्टर को ज्वाइन कर लिया और अपनी नई टीम बना ली जिसे नाम दिया गया फ्री सीरियन आर्मी
2012 में यह देखकर सीरिया में रहने वाले 7 से 9 परसेंट कुर्दिश ने इस बात का फायदा लिया और काफी दिन से वह भी अपने लिए इंडिपेंडेंट कंट्री की मांग कर रहे थे तो उन्हें मौका मिल गया और वह सब भी असद की गवर्नमेंट के खिलाफ हो गए
प्रोटोस्टर को ज्वाइन कर लिया अगस्त 2012 में बशर अल असद ने सीरिया के खांचे कौन शहर पर केमिकल अटैक करवाया जिसमें 1500 से ज्यादा जाने गई 2012 में अल नुसरा नाम से एक ऑर्गेनाइजेशन बनी जिसे अलकायदा ब्रांच भी कहा जाता है
वह भी असद की गवर्नमेंट को गिराना चाहते थे यह देखकर यूएसए सऊदी अरब UK भी असद के खिलाफ लड़ने लगे अपनी गवर्नमेंट को गिरता देख असद ने रशिया और इरान से मदद मांगी ईरान असद को इसलिए सपोर्ट कर रहा था क्योंकि ईरान भी एक शिया देश है
असद भी एक शिया है और रसिया अमेरिका के अगेंस्ट है इसलिए असद को सपोर्ट कर रहा है ईरान को असद की मदद करता देख हिज्बुल्लाह पार्टी भी असद के सपोर्ट में खड़ी हो गई और कुछ गल्फ कंट्री अल नुसरा को सपोर्ट करने लगी ताकि असद की गवर्नमेंट को गिरा सके
टर्की भी इस युद्ध में कूद पड़ा क्योंकि अगर कुर्दिश कंट्री बनती है तो उसमें टर्की का भी कुछ हिस्सा जाएगा तो टर्की ने सीरिया के साथ मिलकर कुर्दिश ऊपर बोम्बिंग करना शुरू कर दिया इस लड़ाई में सबसे ज्यादा बच्चे मरे जिन्हें इस लड़ाई की वजह तक का नहीं पता
उन्हें मारा जा रहा है क्या फायदा ऐसी गवर्नमेंट का जो इंसानियत को भूलकर सिर्फ सत्ता के बारे में सोचें इस लड़ाई से अब तक 4 से 500000 लोग मर चुके हैं और 1900000 से ज्यादा घायल है और 60 लाख से ज्यादा देश छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं
तो दोस्तों ये थी सीरिया की जानकारी Hindi Me, आज के लिए इतना ही अगर आप को हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो कमेंट जरूर करे धन्यवाद.