Taj Mahal Ki History – ताज महल की कहानी

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Taj Mahal – दुनिया के सात अजूबों का नाम सुनते ही सबके दिमाग में दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक ताजमहल का चित्र उभर आता है इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था

Taj Mahal Ki History - ताज महल की कहानीप्यार की मिसाल मने जाने वाला दुनिया का यह अजूबा भारत का गर्व है इस अद्भुत स्मारक को सफेद संगमरमर से शाहजहां द्वारा उसकी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया गया था दुनिया का हर एक इंसान आज ताजमहल को देखने की चाह रखता है क्योंकि इसे मोहब्बत का एक मंदिर कहा जाता है यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह इमारत एक विश्वसनीय स्थल है

आज हम बात करने वाले हैं ताजमहल के बारे में बताएंगे आपको ताजमहल से जुड़े रहस्य और इसके इतिहास के बारे में और साथ ही साथ ताजमहल से जुड़ी कुछ रोचक और मजेदार जानकारी के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं दोस्तों 1631 इसमें शाहजहां के साम्राज्य में हर जगह अपना जीत का परचम लहरा दिया था उस समय शाहजहां की सभी बेगम में उनकी सबसे प्रिय बेगम मुमताज महल थी लेकिन प्रशियन बेगम मुमताज महल की मृत्यु अपने 14 बच्चे को जन्म देते समय हो गई उनके 14 बच्चे का नाम गौहर बेगम था

Taj Mahal का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां का शासनकाल 1628 ईस्वी से 1658 ईस्वी तक था उन्होंने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 ईस्वी से शुरू हुआ शाहजहां चाहते थे कि दुनिया मुमताज और उनकी प्रेम कहानी को हमेशा याद रखें

इसलिए उनकी याद में कुछ ऐतिहासिक धरोहर बनाना चाहते थे जिसमें ताजमहल का निर्माण हुआ ताजमहल भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के तट पर स्थित एक विश्व धरोहर मकबरा है ताजमहल में मकबरे और मेहमान घर का भी समावेश है और साथ ही इसके दोनों ओर गार्डन है

Taj Mahal का निर्माण लगभग 16 से 43 ईसवी में ही खत्म हो गया था लेकिन फिर भी उसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए और 10 सालों तक इस में काम किया गया था ताजमहल का निर्माण तकरीबन 16 से 53 ईसवी में पूरा हो गया था और उस समय उसे बनाने में लगभग 32 मिलियन रुपयों का खर्चा लगा था

ताजमहल के निर्माण में जानकारी के अनुसार 50000 से ज्यादा कारीगरों ने काम किया था उस्ताद अहमद लाहौरी को पर्याय ताजमहल का प्रधान रूप आंगन करता माना जाता है सन 1983 ईस्वी में ताजमहल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली अधिकतम मानवीय कृतियों में से एक बताया गया

ताजमहल को भारत की इस्लामी कलाकार रतन भी घोषित किया गया रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने लेख 10 ईयर ड्राप ऑफ द चीफ ऑफ टाइम में उस समय मुगलकालीन पहुंची वास्तु कलाओं का वर्णन किया था और भारतीय इतिहास के महान कृतियों को दुनिया के सामने रखा था हर साल ताजमहल को लगभग 9 से 10 मिलियन लोग देखने आते हैं

2007 में ताजमहल को दुनिया के सात आश्चर्य की सूची में भी शामिल किया गया था अब करते हैं पांच ताजमहल की वास्तुकला और बनावट के बारे में

ताजमहल का निर्माण पर पर्सियन और प्राचीन मुगल परंपराओं को ध्यान में रखते हुए किया गया जिसमें अधिकतर प्रेरणा उन्हें मुगलकालीन दूसरी इमारतें जैसे गुरु अमीर हुमायूं का मकबरा और जामा मस्जिद से मिली

प्राचीन मुगल काल में पराया इमारतों का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से किया जाता था लेकिन शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण सफेद मार्बल से करने के खाली इससे ताजमहल की सुंदरता को चार चांद लग गए अब आपको बताते हैं बेगम मुमताज महल की कब्र ताजमहल में कहां पर है

Taj Mahal के मध्य में ही मूल ताजमहल के कब्र को बनाया गया है बेगम मुमताज महल की कब्र पड़ी और सफेद मार्बल से बनी हुई है उनकी कब्र को काफी अलंकृत किया गया है मुस्लिम परंपरा के अनुसार कब्र की विस्तृत सजा मन है इसलिए शाहजहां मुमताज के पार्थिव शरीर इसके नीचे तुलनात्मक रूप से साधारण असली कब्रों में दफ़न है जिनके मुख दाएं मक्का की तरफ है

मुमताज महल की कब्र आंतरिक कक्ष में स्थित है उनकी कब्र का आधार लगभग 55 मीटर का बना है उनकी कब्र का आधार है ऊपर का श्रृंगारदान रोग दोनों ही बहुमूल्य पत्थरों इन रत्नों से जड़े हैं इस पर किया गया सुलेखन मुमताज की पहचान एवं प्रशंसा है शाहजहां की कब्र मुमताज की कब्र के दक्षिण की तरफ है दोस्तों ताजमहल के पीछे एक बहुचर्चित कथा भी है जिसके अनुसार मानसून की पहली वर्षा में पानी की बूंदे इन की कब्र पर गिरती है जैसा कि रविंद्र नाथ टैगोर के मकबरे के वर्णन से प्रेरित है

एक अश्रु मोती समय के गाल पर ऐसी बहुत सी कथाएं ताजमहल को लेकर इतिहास में प्रचलित है यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर ताजमहल ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है प्यार की इस खूबसूरत निशानी को देखने के लिए दूर देशों से हजारों लोग यहां आते हैं दूधिया चांदनी में नहा रहे ताजमहल की खूबसूरती को निहारने के बाद आप कितनी भी उप माय थे इसके सामने सारी फीकी लगती है

ऐसा कहा जाता है कि चीन कारीगरों ने ताजमहल का निर्माण किया था शाहजहां ने निर्माण होने के बाद उन कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे इस प्रकार के कई दावे ताजमहल को लेकर इतिहास में किए जाते हैं इमारत का निर्माण सदा से प्रशंसा एवं गर्व का विषय रहा है इसमें धर्म संस्कृति भूगोल की सीमाओं को पार करके लोगों के दिलों से व्यक्तिगत एवं भावनात्मक प्रतिक्रिया कराई है

आज भी लोग ताजमहल को शाहजहां और मुमताज के मोहब्बत की निशानी मानते हैं आज विश्व के सबसे सुंदर भवनों में से एक ताजमहल है आगरा का ताजमहल भारत की शान और प्रेम का प्रतीक माना जाता है और चलिए अब आपको बताते हैं ताजमहल से जुड़ी कुछ रोचक और अनसुनी बातों को

दोस्तों इस मनमोहक इमारत को कुल 50000 से ज्यादा लोगों ने मिलकर बनाया था जिनमें मजदूर प्रिंटर आर्टिस्ट और कई कलाकार भी शामिल थे ताजमहल बनाते समय लगने वाले सामान को स्थानांतरित करने के लिए लगभग 1500 हाथियों का उपयोग किया गया था

इतिहासकारों के अनुसार शाहजहां ने नदी के दूसरे किनारे पर काले पत्थरों से एक और ताजमहल बनाने की योजना बनाई थी अपने बेटे औरंगजेब से ही युद्ध होने के कारण उनकी यह योजना पूरी नहीं हो सकी ताजमहल को शाहजहां की तीसरी और सबसे प्रिय पत्नी मुमताज महल की याद में बनाया गया था और उसे बनाने में तकरीबन 18 साल लगे थे

कहा जाता है कि मुमताज महल की मृत्यु का शाहजहां पर काफी असर हुआ था उनकी मृत्यु के बाद ही शाहजहां की हालत काफी खराब हो गई थी कहा जाता है कि शाहजहां मरते दम तक मुमताज को भूल नहीं पाए थे ताजमहल के चारों तरफ की मीनारों की छाया एक अलग ही आईने जैसा प्रतिबिंब निर्मित करती है

इसे भी लोग एक चमत्कार ही मानते हैं बल्कि कई आर्किटेक्चर (Architecture) भी इस पहेली को सुलझा नहीं पाए हैं ताजमहल मनमोहक गार्डन और ऐतिहासिक इमारतों से घिरा हुआ है जिसमें मस्जिद और गेस्ट हाउस शामिल है तकरीबन 17 हेक्टेयर जमीन पर ताजमहल का परिसर फैला हुआ है

ताजमहल की कुल ऊंचाई तकरीबन 73 मीटर है ताजमहल दिन में अलग-अलग समय में अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है सुबह के समय वह हल्का सा गुलाबी और शाम में दुधेरी सफेद जैसा और रात में हल्का सुनहरा दिखाई पड़ता है लोगों का रंगों के बदलने से तात्पर्य महिलाओं के मूल स्वभाव के बदलने से है

ताजमहल की दीवारों पर पहले काफी बहुमूल्य रत्न लगे हुए थे लेकिन 1857 की क्रांति में ब्रिटिश ने उसे काफी हानि पहुंचाई थी

और अब हम ताजमहल के 13 ऐसे आश्चर्यजनक तथ्यों के बारे में बताया है जिन्हें बहुत ही कम लोग जानते हैं

नंबर 1 मुमताज महल के मकबरे की छत पर एक छेद है हालांकि इस क्षेत्र के पीछे कई तरह की कहानियां प्रसिद्ध है जबकि सच्चाई यह है कि जब शाहजहां ने ताजमहल के पूरा बन जाने के बाद सभी मजदूरों के हाथ काट दिए जाने की घोषणा की ताकि वह कोई और ताजमहल ना बना सके तो मजदूरों ने इसी छत में एक ऐसी कमी छोड़ दी जिससे कि शाहजहां से बदला लिया जा सके और ये ईमारत ज्यादा दिन न टिक सके आज भी इसी छेद के कारण मुमताज महल का मकबरा नमी से ग्रसित रहता है

नंबर 2 यदि यमुना नदी नहीं होती तो क्या होता ताजमहल का आधार एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसको मजबूत बना रहने के लिए नमी की जरूरत होती है यदि ताजमहल के बगल में यमुना नदी नहीं बह रही होती तो यह लकड़ी मजबूत नहीं होती आपको बता दें कि यह लकड़ी नदी के पानी से नमी सकती है इसीलिए अगर यमुना नदी नहीं होती तो अभी तक ताजमहल गिर गया होता

नंबर 3 ताजमहल के चारों और के मीनार एक दूसरे की ओर झुके हुए हैं ऐसा इसलिए है ताकि भूकंप या बिजली के गिरने की हालत में मीनार को मुख्य मार्ग पर गिरने से बचाया जा सके

नंबर 4 कुतुब मीनार से भी लंबा है ताजमहल वैसे तो कुतुब मीनार को भारत की सबसे लंबी मीनार के तौर पर जाना जाता है जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल की ऊंचाई 73 मीटर है अर्थात ताज महल कुतुब मीनार से आधा मीटर अधिक पहुंचा है

नंबर 5 आप यह जानकर चौक जाएंगे कि ताजमहल में लगे सभी फौवारे है एक साथ ही काम करते हैं दरअसल हर फव्वारे के नीचे एक टंकी लगी है जो कि एक ही समय भर्ती है पर दबाव बनने पर पानी ऊपर फेकती है यह सभी फव्वारे बिना किसी मशीन या मोटर के पानी फेकते हैं

नंबर 6 द्वितीय विश्व युद्ध, भारत पाकिस्तान युद्ध और 911 के हमलों के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ताजमहल के चारों ओर बांस का घेरा बनाकर उसे हरे रंग की चादर से ढक दिया था जिससे कि यह दुश्मन को दिखाई ना दे और इस पर हमला ना किया जा सके

नंबर 7 एक खबर यह भी है कि से बनाने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए गए थे ताकि वे ऐसी कोई और इमारत ना बना सके लेकिन शाहजहां अपने इरादे में कामयाब ना हो सका क्योंकि ताजमहल के बाद भी कई अन्य भव्य इमारत है इन्हीं कारीगरों की मदद से बनवाई गई थी इन्हीं में से एक कारीगर थे उस्ताद अहमद लाहौरी जिन्होंने दिल्ली के लाल किले को बनाने में काफी मदद की थी

नंबर 8 ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के नायाब पत्थरों को लगाया गया था जो कि किसी की भी आंखों को चौधिया सकते थे यह पत्थर चीन तिब्बत और श्रीलंका से मंगवाए गए थे लेकिन अंग्रेजों ने इन कीमती पत्थरों को निकाल दिया था

नंबर 9 1632 से 1653 की अवधि में जब ताजमहल बना था तब इस पर 32 मिलियन रुपए खर्च हुए थे जिनकी वर्तमान कीमत 106.2 800000 अमेरिकी डॉलर है

नंबर 10 शाहजहां का यह सपना था कि वह अपने लिए भी एक काला ताजमहल बनवाएं लेकिन उसके बेटे औरंगजेब द्वारा कैद किए जाने के कारण वह अपना सपना पूरा ना कर सका

नंबर 11 ताजमहल के साथ पहली सेल्फी जॉर्ज हैरिसन नामक व्यक्ति ने ली थी यह सेल्फी उस समय ली गई थी जब सेल्फी का दौर ही नहीं था

नंबर 12 ताजमहल का रंग बदलता है दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से इसका रंग बदलता है सुबह के समय यह गुलाबी दिखता है और शाम को दूधिया सफेद और चांदनी रात में सुनहरा दिखाई देता है

नंबर 13 ताजमहल को देखने के लिए 1 दिन में 12000 सैलानी आते हैं इतने सैलानी पूरी दुनिया में किसी भी इमारत को देखने के लिए नहीं आते

तो आशा करता हूं ताजमहल पर लिखा Article आपको पसंद आया होगा

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